प्रयागराज जाकर सुर्खियां बटोरना चाहते थे अखिलेश
लखनऊ । प्रदेश के काबीना मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रयागराज जाकर सुर्खियां बटोरने के अलावा और कुछ नहीं करने वाले थे।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने तय किया था कि किसी भी राजनेता, राजनीतिक कार्यकर्ता और राजनीतिक पार्टियों से संबंधित व्यक्तियों को (छात्रसंघ के) कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह जानकारी जिलाधिकारी प्रयागराज की ओर से अखिलेश को दी गयी थी।
काबीना मंत्री ने मंगलवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव कह रहे हैं कि विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में अराजकता और हिंसा को लेकर सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी। उनको पता होना चाहिए कि सरकार ने निष्पक्ष रहते हुए कार्रवाई की थी।
उन्होंने कहा कि अब अखिलेश झूठ भी बोलने लगे हैं। पहले तो लग रहा था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अलग हैं क्योंकि राहुल झूठ बोलने के मास्टर हैं। अखिलेश यादव ने भी इसी लाइन को पकड लिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश का कहना है कि प्रयागराज में भाजपा के नेता लगे थे।
अखिलेश को कोई फोटो या चित्र मिल जाए तो वही दिखा दें और साबित कर दें कि हममें से कोई वहां गया था।
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविदयालय में छात्रों के कार्यक्रम में शामिल होने जाने पर अखिलेश को लखनऊ के चैधरी चरण सिंह हवाई अडडे पर प्रयागराज जाने से रोक दिया गया। बाद में अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा कि भाजपा इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनाव को अपना चुनाव मान रही थी। पूरी सरकार और उसके मंत्री चुनाव लड़ रहे थे। जब इसमें सपा समर्थित प्रत्याशी जीत गया तो उसके हॉस्टल के कमरे में आग लगा दी गयी।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में सपा समर्थित प्रत्याशी के हाथों अपने उम्मीदवार को मिली पराजय से तिलमिलायी प्रदेश की भाजपा सरकार ने उन्हें छात्रसंघ कार्यक्रम में शरीक होने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्था है। विश्वविद्यालय का खुद का निर्णय था। अगर अखिलेश को विश्वविद्यालय के गेट पर र घुसने नहीं दिया जाता को वह और उनके साथी वहां माहौल बनाते और फिर देश भर में उसकी ‘पिक्चरें’ चलतीं।